हेलो दोस्तों स्वागत है आप सभी का एक नयी पोस्ट में आज हम जानेंगे की गाडी में पिस्टन क्या है । पिस्टन कितने प्रकार के होते हैं तो चलिए जानते हैं पिस्टन के बारे में
पिस्टन क्या है
पिस्टन एक ऐसा डिवाइस है । जो इंजन के सिलेंडर में लगा रहता है । तथा T.D.C से B.D.C तक गति करता है । जिससे इंजन की चारों स्ट्रोक सक्शन , कम्प्रेशन , पावर, और एग्जॉस्ट पूरे होते हैं । साथ ही पिस्टन कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से क्रैंक शाफ़्ट से जुड़ा रहता है । जिससे कनेक्टिंग रॉड घूमती है । जिससे इंजन में पावर जेनेरेट होती है । आप समझ गए होंगे कि पिस्टन क्या है
पिस्टन की बनावट
पिस्टन के ऊपरी भाग में खांचे यानी (GROOVE) कटे होते हैं । पिस्टन और सिलेंडर के बीच की दूरी कम करने के लिए इन्ही खांचों में पिस्टन रिंग फिट किये जाते हैं । पिस्टन के बीच में आर पर एक छेद होता है । जिसे बौस (BOSS) कहते हैं । इन्हीं बौस में गजन पिन फंसाकर उसकी सहायता से पिस्टन को कनेक्टिन रॉड से जोड़ा जाता है । वहीँ पिस्टन का व्यास सिलेंडर के व्यास से कम रखा जाता है । क्यूंकि पिस्टन के गर्म होने पर धातु फ़ैल जाती है । जिससे पिस्टन सिलेंडर में जाम हो सकता है । पिस्टन और सिलेंडर के बीच की दूरी को ‘पिस्टन साइड क्लीयरेंस'( PISTON SIDE CLEARANCE) कहा जाता है । यह क्लीयरेंस सामान्यतः 0.001 रखा जाता है । एलुमिनियम अलॉय के पिस्टन अधिक फैलते हैं । इसलिए इनमें 0.002 से 0.004 तक का गैप रखा जाता है ।
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पिस्टन के प्रकार
डिज़ाइन के आधार पर पिस्टन कई प्रकार के होते हैं । जो निम्नलिखित हैं
फ्लैट हैड टाइप पिस्टन – इस प्रकार के पिस्टन के हैड समतल होते हैं । और इस प्रकार के पिस्टनों का प्रयोग अधिकतर इंजनों में होता है ।
डोम टाइप पिस्टन हैड – इस प्रकार के पिस्टनों का हेड गोल होता हो
डिफ्लेक्टेड हैड पिस्टन टाइप – इनमें हैड पर बैफिल पहाड़ी जैसी बनी होती है । इनका प्रयोग टू स्ट्रोक साइक्लिक इंजन में किया जाता है ।
कॉनकेव और कॉनवैक्स पिस्टन – इनका प्रयोग डीजल इंजन में किया जाता है । इनमें हैड के बीच में छोटा सा गड्डा बना होता है । उतना हिस्सा उठा होता है ।
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पिस्टन कैसे बनता है
पिस्टन अधिकतर एलुमिनियम अलॉय के बनते हैं । वहीँ कुछ इंजनों में कास्ट आयरन ये सेमी स्टील का प्रयोग किया जाता है । कास्ट आयरन का विस्तार कम होता है । इसीलिए इनमें कम क्लीयरेंस रखा जाता है । क्यूंकि एलुमिनियम हल्की धातु होती है । इसमें विस्तार अधिक होता है । तथा इसमें क्लीयरेंस भी अधिक रखा जाता है । एल्युमीनियम अलॉय में एलुमिनियम लगभग 91%, टिन 2%, कॉपर7% के आस पास रखा जाता है ।
पिस्टन के फैलाव को रोकना
जब सिलेंडर में फायरिंग आर्डर होता है । तो गर्मी अधिक बढ़ जाती है । जिससे पिस्टन गर्म होकर फ़ैल जाता है । सिलेंडर को तो कूलिंग सिस्टम द्वारा ठंडा किया जाता है । पर पिस्टन को ठंडा करने का कोई विशेष सिस्टम नहीं होता है । जिससे पिस्टन सिलेंडर में जाम हो जाने का खतरा रहता है । इसके लिए कुछ उपाय किये जाते हैं । जो निम्न होते हैं
पिस्टन हीट डैम – इस में पिस्टन में टॉप लैन्ड की पूरी परिधि में एक खांचा सामान बना दिया जाता है । इससे पिस्टन हैड की गर्मी नीचे जाने से रूकती है । इससे पिस्टन के खांचे कम गर्म होते हैं । और पिस्टन विस्तार भी कम होता है ।
पिस्टन कैम ग्राइंडिंग – इसमें पिस्टन की फिनिशिंग करते समय पिस्टन को ग्राइंड करके उसकी परिधि को कुछ कम किया जाता है । प्रायः इंजन के चलते समय पिस्टन गर्म होकर गर्मी पिस्टन बौस की और जाकर पिस्टन को गोल करती है । और जब ये ठन्डे होते हैं तो इनका व्यास 0.050M.M से 0.075M.M तक रहता है ।
पिस्टन स्लॉट – इसमें पिस्टन के फैलाव को रोकने के लिए उसके खांचों में स्लॉट काट दिए जाते हैं । ये स्लॉट गर्मी को खांचों के नीचे आने से रोक देते हैं । जिससे पिस्टन फैलाव कम हो जाता है ।
पिस्टन रिंग क्या है
इंजन में कम्प्रेशन को रोकने और लुब्रिकेशन आयल को ऊपर जाकर जलने से रोकने के लिए । पिस्टन के खांचों में पिस्टन रिंग का प्रयोग किया जाता है । ये प्रायः पिस्टन को सिलेंडर के अंदर गैस टाइप प्लग का रूप देती हैं । इन्ही के द्वारा पिस्टन की गर्मी सिलेंडर की दीवारों को प्रेषित की जाती है । जिससे कि पिस्टन ठंडे रह सकें
पिस्टन रिंग कितने प्रकार के होते हैं
पिस्टन रिंग दो प्रकार के होते हैं
1 . कम्प्रेशन रिंग – ये रिंग प्रायः कम्प्रेशन के समय गैसों को लीक होने से रोकती हैं । ये पिस्टन में दो ये तीन की संख्या में फिट की जाती हैं । इनका बाहरी फैलाव अच्छा रखा जाता है । जिससे कि कम्प्रेशन लीक न हो
2 . आयल स्क्रैपर रिंग – इस नाम से ज्ञात हो रहा है । ये इंजन में जो लुब्रिकेशन आयल जो सिलेंडर की दीवारों पर ऊपर आ जाता है । उसे खुरचकर नीचे ले जाती हैं । जिससे कि वो कम्प्रेशन चेम्बर में जाकर न जल जाये । ये कम्प्रेशन के नीचे वालों खांचों में फिट की जाती हैं । इन रिंग के बीच में छेद किये जाते हैं । ज्यादातर एक पिस्टन पर एक ही रिंग फिट की जाती है । पर कुछ इंजनों में ये दो भी फिट की जाती है ।
पिस्टन रिंग क्लीयरेंस
पिस्टन की ऊष्मा के कारण इनके फैलने समस्या रहती हैं । इसलिए इनके सिरों में कुछ अंतर रखा जाता है । जिससे कि ये पिस्टन की ऊष्मा के कारण फैलने से रुक सकें ये अन्तर (रिंग एंड गैप ) कहलाता है । इसके लिए एक इंच के पिस्टन पर 0.002 के अनुपात में अंतर रखा जाता है । पिस्टन की बीच बने खांचों के मध्य भी गैप रखा जाता है । ये अंतर 0.15 रहता है ।
पिस्टन के कुछ सामान्य दोष जैसे
पिस्टन के रिंग को हानि होना
पिस्टन के ताप बढ़ने पर पिस्टन का सिलेंडर में जाम हो जाना
पिस्टन का जल जाना आदि दोष होते हैं
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